Trikonmiti in Hindi | त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?

Trikonmiti in hindi: प्राचीन काल से गणित में त्रिकोणमिति का अध्ययन चलता आ रहा है। त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज और त्रिभुजों से बनने वाले बहुभुजों का अध्ययन होता है। त्रिकोणमिति में सबसे अधिक महत्वपूर्ण समकोण त्रिभुज का अध्ययन होता है।

तो दोस्तों इस पोस्ट में हम त्रिकोणमिति के बारे में जानेंगे की, त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?, trigonometry meaning in hindi, Trikonmiti in Hindi, त्रिकोणमिति में समकोण त्रिभुज का महत्वपूर्ण अध्ययन, समकोण त्रिभुज का सूत्र इत्यादी।

Trigonometry Meaning in Hindi

ट्रिगोनोमेट्री/Trigonometry यह शब्द Tri + Gon + Metron इन तीन ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है। जिसमे ‘Tri’ का अर्थ ‘तीन’, ‘Gon’ का अर्थ ‘भुजा’ और ‘Metron’ का अर्थ ‘माप’ यह होता है। अर्थात Trigonometry का अर्थ ‘त्रिभुज की तीनों भुजाओं की माप’ यह होता है।

Trikonmiti in Hindi – त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?

त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है जिसमें त्रिभुज और त्रिभुजों से बनने वाले बहुभुजों का अध्ययन होता है। त्रिकोणमिति में एक त्रिभुज की भुजाओं और कोणों के बीच के संबंधों का अध्ययन किया जाता है।

त्रिकोणमिति में समकोण त्रिभुज का महत्वपूर्ण अध्ययन

Trigonometry या त्रिकोणमिति में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समकोण त्रिभुज का अध्ययन होता है। जिस त्रिभुज का एक कोण समकोण यानि 90° का होता है, उस त्रिभुज को समकोण त्रिभुज कहते है। एक समकोण त्रिभुज में एक समकोण और दो न्यून कोण जो 90° से कम के कोण होते हैं। समकोण त्रिभुज में कर्ण, लम्ब और आधार यह तीन भुजायें होती है। समकोण त्रिभुज में कर्ण स्थिर रहता है, लम्ब और आधार अपनी जगह बदलते रहते है।

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  1. Hypotenuse (कर्ण) – समकोण त्रिभुज में समकोण के सामने की भुजा को कर्ण कहते है। समकोण त्रिभुज में सबसे बड़ी भुजा को भी कर्ण कहा जाता है। कर्ण को अंग्रेजी के h अक्षर से दर्शाया जाता है। Hypotenuse यानि कर्ण यह समकोण त्रिभुज की सबसे लम्बी भुजा होती है।
  2. Perpendicular (लम्ब) – समकोण त्रिभुज में न्यूनकोण के सामने की भुजा को लम्ब कहते है। लम्ब को अंग्रेजी के p अक्षर से दर्शाया जाता है।
  3. Base (आधार) – समकोण त्रिभुज में न्यूनकोण बनाने वाली भुजा को आधार कहते है। आधार को अंग्रेजी अक्षर b से दर्शाया जाता है।

समकोण त्रिभुज का सूत्र/नियम

Pythagoras Theorem/पाइथागोरस प्रमेय के अनुसार समकोण त्रिभुज में, (उपर दी गयी डायग्राम में देखे)
(कर्ण)2 = (लम्ब)2 + (आधार)2
h2 = p2 + b2

या निचे दिए गये formula के नुसार भी आप लिख सकते है।

(लम्ब)² = (कर्ण)² – (आधार)²
(आधार)² =(कर्ण)² – (लम्ब)²

यहाँ h का मतलब Hypotenuse (कर्ण), p का मतलब Perpendicular (लम्ब) और b का मतलब Base (आधार) है।

Trigonometry Ratio – त्रिकोणमितिय अनुपात

Trikonmiti/त्रिकोणमिति की समस्याओं को हल करने के लिए मानक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों का मान आवश्यक है। त्रिकोणमितिय अनुपात 6 प्रकार के होते है। गणितज्ञों द्वारा त्रिकोणमितिय अनुपात को त्रिकोणमितीय कार्य भी कहा गया है।

sin, cos, tan, cosec, sec और cot ये त्रिकोणमितीय अनुपात होते है। इन मानक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों के मूल्यों को याद रखना आवश्यक होता है। त्रिकोणमिति संबंध या त्रिकोणमिति अनुपात को निचे दिए गये प्रकार में परिभाषित किया गया है।

sinA = लम्ब/कर्ण
cosA = आधार/कर्ण
tanA = लम्ब/आधार
cosecA = कर्ण/लम्ब
secA = कर्ण/आधार
cotA = आधार/लम्ब

यह भी पढ़े:-
1. त्रिकोणमिति की टेबल – Trigonometric table 0 to 360
2. Journal Entry की जानकारी
3. सभी क्षेत्रमिति के सूत्र – Mensuration formulas list with diagram

Trigonometry या त्रिकोणमिति के बारे में कुछ सवालजवाब – FAQ

ट्रिगोनोमेट्री/Trigonometry का हिंदी में क्या अर्थ होता है?

Trigonometry यह शब्द Tri + Gon + Metron इन तीन ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है। जिसमे ‘Tri’ का अर्थ ‘तीन’, ‘Gon’ का अर्थ ‘भुजा’ और ‘Metron’ का अर्थ ‘माप’ यह होता है। अर्थात Trigonometry का अर्थ ‘त्रिभुज की तीनों भुजाओं की माप’ यह होता है।

त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?

त्रिकोणमिति गणित की वह शाखा है, जिसमें त्रिभुज और त्रिभुजों से बनने वाले बहुभुजों का अध्ययन किया जाता है। त्रिकोणमिति में सबसे अधिक समकोण त्रिभुज का महत्वपूर्ण अध्ययन किया जाता है।

त्रिकोणमिति कितने प्रकार के होते हैं?

त्रिकोणमितिय अनुपात 6 प्रकार के होते है, वह इस प्रकार है-
sinA = लम्ब/कर्ण
cosA = आधार/कर्ण
tanA = लम्ब/आधार
cosecA = कर्ण/लम्ब
secA = कर्ण/आधार
cotA = आधार/लम्ब

ट्रिगोनोमेट्री के जनक कौन है?

विश्व के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट ये ट्रिगोनोमेट्री के जनक है।

समकोण त्रिभुज का सूत्र या नियम क्या है?

समकोण त्रिभुज का सूत्र इस प्रकार है,
(कर्ण)² = (लम्ब)² + (आधार)²
(लम्ब)² = (कर्ण)² – (आधार)²
(आधार)² =(कर्ण)² – (लम्ब)²

तो यह थी त्रिकोणमिति के बारे में कुछ जानकारी, जैसे की त्रिकोणमिति किसे कहते हैं?, trikonmiti in hindi, त्रिकोणमिति अनुपात कितने प्रकार के होते हैं?, इत्यादी। तो दोस्तों आपको यह पोस्ट कैसी लगी हमे कमेंट्स करके बताये और अपने दोस्तों में जरुर Share करें।

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