व्याकरण की परिभाषा, व्याकरण किसे कहते है? | व्याकरण के कितने भेद होते है?

भाषा हमारे विचारों, भावनाओं को व्यक्त करने और दूसरों के विचारों, भावनाओं को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। किसी भी भाषा (language) को बोलने-सीखने के लिए उसी भाषा के व्याकरण/Grammar का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी होता है। तो इस पोस्ट में हम जानेंगे हिंदी व्याकरण के बारे में जैसे की व्याकरण की परिभाषा क्या है?, व्याकरण किसे कहते है?, grammar in hindi, व्याकरण के कितने भेद है?, व्याकरण के प्रकार, इत्यादी।

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Hindi Vyakaran यह हिंदी भाषा के अध्ययन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो हिंदी भाषा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हिंदी भाषा बोलने, सीखने या लिखने की बात आती है तो हिंदी व्याकरण का ज्ञान होना बहुत ज़रूरी होता है। हिंदी व्याकरण यह हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में बोलने और लिखने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है।

Grammar Definition in Hindi – व्याकरण की परिभाषा क्या है?

व्याकरण हिंदी भाषा की वह रचना है जो हिंदी भाषा को बोलने या लिखने की प्रक्रिया को शुद्ध करती है। हिंदी भाषा के शुद्ध रूप के नियम बताने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है।

व्याकरण तीन शब्दों से मिलकर बनता है: वि+आ+करण, जिसका अर्थ भली- भाँति समझना यह होता है।

व्याकरण किसे कहते है? – Grammar in Hindi

हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। व्याकरण के बिना हिंदी भाषा का अध्ययन करना संभव नहीं हो सकता है। व्याकरण वह कला है जिसकी सहायता से हम किसी भी भाषा को शुद्ध बोल सकते है, लिख सकते है, और पढ़ सकते है।

व्याकरण यह विभिन्न नियमों के आधार पर भाषा को सही रूप में बोलने, लिखने या पढ़ने का ज्ञान करानेवाला शास्त्र है। भाषाविज्ञान में एक प्राकृतिक भाषा का व्याकरण बोलने वालों या लेखकों के खंड(clauses), वाक्यांशों( phrases) और शब्दों (words) की संरचना पर संरचनात्मक बाधाओं का समूह होता है।

हिंदी व्याकरण के जनक बनारस के दामोदर पंडित है, जिनके द्वारा लिखित द्विभाषिक ग्रंथ उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण है जो 12 वीं शताब्दी के समकालीन है।

प्रत्येक छात्राओं के पास योग्य या उचित हिंदी व्याकरण का कौशल होना चाहिए ताकि वह अपने अपने विचारों को, भावनाओं को दूसरों के सामने व्यक्त करे और दूसरे के विचार, भावनाओं को आसानी से समझ सकें। शालेय जीवन से ही अपने हिंदी व्याकरण कौशल में सुधार करना बहुत जरूरी होता है।

व्याकरण के कितने भेद होते हैं? – व्याकरण के प्रकार

vyakaran ke kitne bhed hai: ग्रामर/व्याकरण यह भाषा की संरचना होती है, जिसके माध्यम से किसी भी भाषा का मानक रूप सामने आता है। हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा को उसके शुद्ध रूप में बोलते और लिखते समय पालन किए जाने वाले नियमों का एक समूह होता है। दोस्तों हिंदी भाषा के सभी स्वरूपों को चार खंडों में बांट दिया जाता है। व्याकरण के भेद या व्याकरण के मुख्य चार भाग होते है जो निम्नलिखित है:

  • वर्ण विचार
  • शब्द विचार
  • पद विचार
  • वाक्य विचार

इनका सविस्तर विश्लेष्ण निचे दिया गया है।

1. वर्ण विचार

हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है, इसी ध्वनि को वर्ण कहते है, जिसके खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते और वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहा जाता हैं। हिंदी भाषा को सीखने के लिए हिंदी वर्णमाला को समझना और सीखना बहुत ज़रूरी होता है। वर्ण को अक्षर भी कहा जाता है, हिंदी भाषा या हिंदी वर्णमाला में कुल 52 वर्ण या अक्षर होते है जिनमें 13 स्वर, 35 व्यंजन और 4 संयुक्त व्यंजन हैं।

सभी वर्णों या अक्षरों को व्याकरण में स्वर और व्यंजन इन दो भागों में विभक्त किया गया है याने वर्ण के स्वर(Vowel,) और व्यंजन(Consonants) यह दो प्रकार है।

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1. हिंदी वर्णमाला की जानकारी

2. शब्द विचार

शब्द विचार यह हिंदी व्याकरण का दूसरा खंड है, जब एक से अधिक वर्ण या अक्षर मिलते है तब उसे शब्द कहा जाता है जैसे की राम, कमल, भरत इत्यादी। राम शब्द में र और म यह दो अक्षर मिलकर राम शब्द का निर्माण हुआ है और कमल इस शब्द में क-म-ल यह तीन वर्ण या अक्षर मिलकर कमल यह शब्द बना है।

शब्द के मुख्य प्रकार

word/शब्द के व्याकरण के आधार पर मुख्य दो प्रकार है – विकारी शब्द और अविकारी शब्द, इन दोनों का विश्लेषण निचे दिया है।

1. विकारी शब्द: विकारी शब्द वह शब्द होते है जिन्हें वाक्य में प्रयोग करने पर उनका रूप परिवर्तन होता है, विकारी शब्दों को चार भागों में विभाजित किया गया है जैसे की संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, और क्रिया।

विकारी शब्द का एक उदाहरण देखते है, ‘अच्छा’ यह एक शब्द है इसका रूप अलग अलग वाक्यों में अलग अलग होता है जैसे की ‘राजस्थान एक अच्छा राज्य है’ और दुसरे वाक्य में ‘वहा सब अच्छे लोग रहते है’ इन दोनों वाक्यों में ‘अच्छा’ शब्द के दो अलग अलग रूप देखने को मिलते है।

2. अविकारी शब्द: जिन शब्दों के रूप में कभी कोई परिवर्तन नहीं होता है उसे अविकारी शब्द कहलाते हैं। जैसे की किन्तु, नित्य, और, यहाँ, अरे इत्यादी। अविकारी शब्दों को क्रिया-विशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक इन चार भागों मे बाँटा गया है।

3. पद विचार

वाक्य में प्रयोग होने वाले शब्द को पद कहते है। जब किसी शब्द का किसी वाक्य में प्रयोग होता है तो उस शब्द को पद मिल जाता है जैसे की लड़की किताब पढ़ रही है, इस वाक्य में लड़की शब्द का प्रयोग करने के पश्चात् इसको एक पद मिल गया है।

4. वाक्य विचार

कई शब्दों से मिलकर वाक्य बनता है जिसका कुछ अर्थ होता है, जैसे की राम क्रिकेट खेलता है।

वाक्य के प्रकार

वाक्य के मुख्य तीन प्रकार होते है जो निम्नलिखित है:

  1. साधारण वाक्य / सरल वाक्य: ऐसे वाक्य जिसमे केवल एक ही उदेश्य और एक ही विधेय होता है उसे साधारण वाक्य या सरल वाक्य कहा जाता है। साधारण वाक्य जिसमे मुख्य एक कर्ता होता है जैसे की राम किताब पढ़ रहा है, इस वाक्य में राम कर्ता है जो मुख्य है।
  2. संयुक्त वाक्य: दो वाक्य मिलकर एक वाक्य बनता है इसमें कोई प्रधान वाक्य नही होता है। संयुक्त वाक्य वह होते है जिसमे वाक्य को जोड़ने के लिए लेकिन, और, परन्तु, बल्कि, अथवा, जैसे शब्दों का उपयोग किया जाता है जैसे की, मोहन सुबह अपने घर गया और शाम को वापस लौट आया। यहा दो अलग अलग वाक्य है जिसे जोड़ने के लिए ‘और’ इस शब्द उपयोग किया है।
  3. मिश्रित वाक्य/मिश्र वाक्य: मिश्रित वाक्य में दो वाक्य रहते है जिसमे दूसरा वाक्य पहले वाक्य पर निर्धारित होता है जैसे की, जो लड़की कमरे में बैठी है वह मेरी बहन है।

हिंदी व्याकरण की विषय सूचि

हिंदी व्याकरण अभ्यास के अंतर्गत अनेकों पाठ आते है, जो हमे हिंदी भाषा के नियमों को बताते हैं ताकि हिंदी भाषा को शुद्ध रूप से और सही तरीके से बोला, पढ़ा और लिखा जा सके। हिंदी व्याकरण के अंतर्गत कोन-कोनसे पाठ या विषय आते है यह हम निचे जानते है:

व्याकरण के संबंधी कुछ सवाल जवाब – FAQs for Hindi Grammar

व्याकरण की परिभाषा क्या है?

व्याकरण हिंदी भाषा की वह रचना है जो हिंदी भाषा को बोलने या लिखने की प्रक्रिया को शुद्ध करती है। हिंदी भाषा के शुद्ध रूप के नियम बताने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है।

व्याकरण किसे कहते है?

व्याकरण वह कला है जिसकी सहायता से हम किसी भी भाषा को शुद्ध बोल सकते है, लिख सकते है, और पढ़ सकते है। हिंदी व्याकरण हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है।

हिंदी व्याकरण के जनक कौन है?

बनारस के दामोदर पंडित हिंदी व्याकरण के जनक है।

व्याकरण के कितने भेद है?

व्याकरण के मुख्य चार भाग है: 1. वर्ण विचार 2. शब्द विचार 3. पद विचार 4. वाक्य विचार

शब्द के मुख्य प्रकार कितने है?

विकारी शब्द और अविकारी शब्द यह शब्द के मुख्य दो प्रकार है।

वाक्य के प्रकार कितने है?

वाक्य के मुख्य तीन प्रकार है: 1. साधारण वाक्य / सरल वाक्य 2. संयुक्त वाक्य 3. मिश्र वाक्य / मिश्रित वाक्य

दोस्तों आपको हिंदी व्याकरण की परिभाषा क्या है?, व्याकरण किसे कहते है?, व्याकरण के प्रकार कितने है?, व्याकरण के कितने भेद होते है?, इन सब की काफी जानकारी मिली होंगी उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों में शेयर करें और हमे Comments करके बताये।

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